बस यूँ ही चाँद को तकते रहना चाहूँ
बस यूँ ही तारों को टिमटिमाता देखना चाहूँ
बस यूँ ही समन्दर किनारे लहरों के आगोश में बैठना चाहूँ
बस यूँ ही हवा के झोंको में खुद को समेटना चाहूँ
बस यूँ ही बडबडाना चाहूँ इस शोर में
बस यूँ ही खो जाना चाहूँ इस भीड़ में
बस यूँ ही सहेजना चाहूँ अपनी यादों की टोकरी
बस यूँ ही सहलाना चाहूँ वो खोई मासूमियत
बस यूँ ही जाना चाहूँ अपनों के बीच
बस यूँ ही हँसना चाहूँ पेट पकड़ के
बस यूँ ही रोकना चाहूँ चीटियों का रास्ता
बस यूँ ही चाहूँ छिपकली से नैन लड़ाना
बस यूँ ही निहारना चाहूँ नीला आसमान
बस यूँ ही चलना चाहूँ अनजान डगर
बस यूँ ही मग्न होना चाहूँ रात की चुप्पी में
बस यूँ ही गुम होना चाहूँ दिन के उजियारे में
बस यूँ ही बने रहना चाहूँ मनमौजी
बस यूँ ही चलना चाहूँ अपनी राह
बस यूँ ही रंगना चाहूँ सफ़ेद काग़ज
बस यूँ ही हवा में गुमाना चाहूँ कलम
बस यूँ ही जीना चाहूँ जी भर के
बस यूँ ही चाहूँ मौत के आगोश में चैन से सोना
बस यूँ ही जाना चाहूँ दूर देश
बस यूँ ही पकड़ लेना चाहूँ सूरज को अपनी मुट्ठी में
बस यूँ ही गाँव में चबूतरे पे बैठ सुनना चाहूँ परियों की कहानियाँ
बस यूँ ही चाहूँ इमली के पेड़ पे चढ़ना
बस यूँ ही भागना चाहूँ रेलगाड़ी के पीछे
बस यूँ ही पकड़ना चाहूँ खुद की परछाई
बस यूँ ही उड़ना चाहूँ चिरैया संग
बस यूँ ही बस यूँ ही |
Hioy'oy Hoi Polloi
JJJ
बस यूँ ही तारों को टिमटिमाता देखना चाहूँ
बस यूँ ही समन्दर किनारे लहरों के आगोश में बैठना चाहूँ
बस यूँ ही हवा के झोंको में खुद को समेटना चाहूँ
बस यूँ ही बडबडाना चाहूँ इस शोर में
बस यूँ ही खो जाना चाहूँ इस भीड़ में
बस यूँ ही सहेजना चाहूँ अपनी यादों की टोकरी
बस यूँ ही सहलाना चाहूँ वो खोई मासूमियत
बस यूँ ही जाना चाहूँ अपनों के बीच
बस यूँ ही हँसना चाहूँ पेट पकड़ के
बस यूँ ही रोकना चाहूँ चीटियों का रास्ता
बस यूँ ही चाहूँ छिपकली से नैन लड़ाना
बस यूँ ही निहारना चाहूँ नीला आसमान
बस यूँ ही चलना चाहूँ अनजान डगर
बस यूँ ही मग्न होना चाहूँ रात की चुप्पी में
बस यूँ ही गुम होना चाहूँ दिन के उजियारे में
बस यूँ ही बने रहना चाहूँ मनमौजी
बस यूँ ही चलना चाहूँ अपनी राह
बस यूँ ही रंगना चाहूँ सफ़ेद काग़ज
बस यूँ ही हवा में गुमाना चाहूँ कलम
बस यूँ ही जीना चाहूँ जी भर के
बस यूँ ही चाहूँ मौत के आगोश में चैन से सोना
बस यूँ ही जाना चाहूँ दूर देश
बस यूँ ही पकड़ लेना चाहूँ सूरज को अपनी मुट्ठी में
बस यूँ ही गाँव में चबूतरे पे बैठ सुनना चाहूँ परियों की कहानियाँ
बस यूँ ही चाहूँ इमली के पेड़ पे चढ़ना
बस यूँ ही भागना चाहूँ रेलगाड़ी के पीछे
बस यूँ ही पकड़ना चाहूँ खुद की परछाई
बस यूँ ही उड़ना चाहूँ चिरैया संग
बस यूँ ही बस यूँ ही |
Hioy'oy Hoi Polloi
JJJ