एक मेहरूनी कपड़ा रखता था मुझे हरदम मेहफ़ूज़
मेरे माथे की हर शिकन को छुपा लेता था ये
हर दर्द हर मुशकिल का हल ढूंढ लेता था ये
ये तेरा प्यार था या तेरी दुआ
तेरा आँचल ही था मेरा सरमाया
तेरे आँचल की भीनी खुशबू
आज भी उतनी ही ताज़ा लगती है जैसे तू कल बैठ मेरे पास
फेर रही थी मेरे बालों में हाथ
कुछ कहने के लिए ज्यों ही सर उठाया मैने
तो पाया सिर्फ एक मेहरूनी कपड़ा
बेज़ान सूना फीका-सा एक कपड़ा
मेरे अश्कों से भीगा एक कपड़ा
वो साया जो था मेरा सरमाया
छोड़ गया बस एक मेहरूनी कपड़ा
बस उसी मेहरूनी कपड़े में
कर लेता हूँ खुद को कैद
जब भी होता हूँ खुद से ख़फ़ा |
JJJ
"पालने मेँ
ReplyDeleteबेटी किसी को नही चाहिए
मगर बिस्तर पर औरत हरेक
को चाहिए.."
Respect Girls and dnt kill them other Wise u will miss that Aanchal:)
Yaha maa ke aanchal ko yaad kiya gaya hai, Mahashay !
DeleteKaafi accha likhti ho tum
ReplyDeleteLiterature wale logo se ye sunke accha lgta hai :)
DeleteBina beti ke maa ka aanchal kaha se laougi maharani...
ReplyDeleteBeti he to maa banegi na bhawarth samjho madam...
Use ur own mind before leaving
if u won't save the girls u never have that aanchal...got it mam
along wid ur msg here m delivering my sincere worries about girls..
anyways nice thought mam:):D:p